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लेखनी प्रतियोगिता -15-Jul-2022

मेरा है...

तेरे अगर ये तारे और चाँद हैं,
उनको लपेटा हुआ आसमा मेरा हैं ।

तेरे अगर ये रास्ते और मंजिले हैं,
उन पर चलता हुआ कारवां मेरा हैं।

गहरी हो आंखे जिनमें नशा भी गहरा हैं,
उन आंखों में वो काजल मेरा हैं ।

तेरी ये अगर बारिश और बारिश की बूंदे है,
उन बारिशों का वो बादल भी मेरा है ।

सायों में खुद को जो तुम देखोगे,
उन अक्स में वो आईना मेरा है ।

तेरे अगर ये फूल और खुशबू है 
तुझे याद जो आयेंगे वो कांटा मेरा है ।

ये मंजिलें और राहें भी होगी मेरी,
गर रास्तों का वो काफ़िला मेरा है।

उन बादलों से ऊपर भी कोई जहान होगा,
तो वो जहान भी मेरा है।

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13 Comments

Saba Rahman

16-Jul-2022 11:05 PM

Nice

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Reyaan

16-Jul-2022 11:02 PM

बहुत खूब

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Chudhary

16-Jul-2022 09:57 PM

Nice

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